टोड़ी जी प्रवचन: आत्म-कल्याण का मार्ग

श्री पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र, टोड़ी जी केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि ज्ञान और आत्म-जागरण का एक जीवंत केंद्र है। यहाँ की ज्ञान-गंगा, पूज्य चाचा जी (श्री मिलाप चंद्र जैन जी) के माध्यम से निरंतर प्रवाहित हो रही है, जिसमें स्वर्गीय पूज्य दीदी जी (श्रीमती कृष्णा जैन जी) की मूल शिक्षाओं की झलक स्पष्ट दिखाई देती है।

यह पेज उन सभी कल्याणकारी प्रवचनों को समर्पित है जो जीवन को एक नई दिशा और सही अर्थ प्रदान करते हैं।

 

पूज्य चाचा जी के प्रवचनों के मुख्य अंश

 

पूज्य चाचा जी के प्रवचन अत्यंत सरल भाषा में जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। उनकी शिक्षाओं के कुछ मुख्य बिंदु:

  • श्रावक के तीन गुण: एक सच्चे श्रावक (गृहस्थ जैनी) को तीन गुणों से युक्त होना चाहिए – श्रद्धावान (देव-शास्त्र-गुरु पर अटूट श्रद्धा रखने वाला), विवेकवान (क्या सही है और क्या गलत, इसका भेद जानने वाला), और क्रियावान (सिर्फ जानने वाला नहीं, बल्कि धर्म को अपने आचरण में लाने वाला)।

  • मिथ्यात्व: संसार-भ्रमण का मूल कारण: चाचा जी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हम अनादि-अनंत काल से इस संसार में इसीलिए भटक रहे हैं क्योंकि हमने मिथ्यात्व (झूठी मान्यताओं) को पकड़ रखा है। जिन धर्म को छोड़कर हमें कहीं और भटकने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यही मोक्ष का एकमात्र सच्चा मार्ग है।

  • मानव जीवन का सदुपयोग: यह मनुष्य जीवन और स्वस्थ शरीर अत्यंत पुण्य के उदय से मिला है। इसे केवल सांसारिक भोगों में नष्ट न करके, इसका उपयोग धर्म-साधना और आत्म-कल्याण के लिए करना चाहिए।

 

पूज्य दीदी जी की मूल शिक्षा

 

पूज्य दीदी जी का भी यही कहना रहा है कि जीवन की रूपरेखा क्षणिक सुखों के आधार पर नहीं बननी चाहिए। उन्होंने सिखाया कि हमें नाशवान सांसारिक सुखों को गौण करके, केवल अपनी आत्मा के स्थायी, सच्चे सुख के बारे में ही सोचना चाहिए और उसी को पाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

जिनवाणी चैनल एवं टोड़ी फतेहपुर चैनल पर प्रसारित प्रवचन

पूज्य चाचा जी के कई ज्ञानवर्धक प्रवचन “जिनवाणी चैनल” एवं “Todi Fatehpur” पर भी प्रसारित हुए हैं। आप नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके उन्हें सुन सकते हैं और ज्ञान का लाभ ले सकते हैं।

इन प्रवचनों का श्रवण आपके जीवन में व्याप्त शंकाओं का समाधान कर एक स्पष्ट और शांतिपूर्ण मार्ग प्रशस्त करेगा।